जानिए क्या है सेंगोल जिसे प्रधानमंत्री को सौंपा जायेगा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में
प्राचीन काल से चली आ रही है जब चोल वंश के राजा अपना उत्तराधिकारी चुनते थे और अपनी सत्ता का हस्तांतरण उसके हाथों में करते थे तब वो सेंगोल Sengol उसे दिया करते थे
सेंगोल जो प्रतिक है गौरवशाली भारतीय इतिहास का इसके उपरी हिस्से में शिव और उनकी सवारी नंदी को उकेरा गया है नंदी के ज़रा सा निचे अगर आपकी नज़र जाती हैतो वहां आपको दो झंडे नज़र आते हैं
नए संसद भवन में राजदंड (Sengol) को भी स्पीकर की सीट के पास स्थापित किया जाएगा इस संबंध में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी सेंगोल को देश की समृद्ध सभ्यता का प्रतीक बताते हुए एक ट्वीट किया था
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु को सेंगोल दिया गया था सत्ता के हस्तांतरण की तौर पर उसके बाद से ये इलाहाबाद (प्रयागराज) के एक संग्रहालय में है
श्री कुमारस्वामी थम्बिरन ने अर्ध रात्रि में ही जवाहर लाल नेहरू के माथे पर तिलक करके उन्हें सेंगोल सौंप दिया था जो सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बना
सेंगोल के हस्तातंरण के साथ ही देश की प्राचीन परंपरा को फिर से स्थापित किया जायेगा
पवित्र जल से पहले सेंगोल को पवित्र किया जायेगा और मंत्रोचारण के साथ इसको प्रधानमंत्री को सौंपा जायेगा
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