कब मनाया जाता है राष्ट्रिय गणित दिवस ? When is National Mathematics Day celebrated?

हर साल दिसम्बर के 20 तारीख को राष्ट्रिय गणित दिवस National Mathematics Day मनाया जाता है, इस दिन हम भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की याद में मानते हैं। अगर आप नहीं जानते की श्रीनिवास अयंगर रामानुजन कौन थे ? और क्या है उनका इतिहास तो ये लेख Article आपको आखरी तक पढ़ना होगा। ताकि आपको पता हो की कब मनाया जाता है राष्ट्रिय गणित दिवस ?

कौन थे श्रीनिवास अयंगर रामानुजन ?

श्रीनिवास अयंगर रामानुजन जन्म 22 दिसम्बर 1887 के दिन तमिलनाडू के इरोड ज़िले में हुआ था,  इनको दुनियाँ  के महानतम गणितज्ञों में से एक माना जाता है। श्रीनिवास का बचपन बहुत गरीबी के साये में बिता था उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे की, वो अपने पढ़ने के लिए किताबें तक खरीद सके। वो अपनी पढ़ाई के लिए अपने दोस्तों की किताबों के सहारे थे, उनकी शुरुवाती पढ़ाई लिखाई कुम्भकोणम के प्राइमरी स्कूल से हुई, जैसे- तैसे उन्होने ने पढ़ाई की उसके बाद सन 1898 में टाउन हाई स्कूल में दाखिला लिया। वो पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छे थे जिसकी वजह से उन्हे हर विषय में अच्छे अंक मिला करते थे।

यहाँ पढ़ाई के दौरान उनको जी. एस. कार की एक पुस्तक पढ़ने का मौका मिला इस किताब में गणित विषय में विस्तृत रूप से जानकारी लिखी हुई थी। जिसको पढ़कर युवा श्रीनिवास के दिन मे गणित विषय के लिए और भी रुचि पैदा हो गई इसका असर हुआ ये की, उन्होने गणित विषय पर और ज़्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया हालांकि उनकी रुचि हमेशा से गणित में थी। श्रीनिवास ने 12- 13 साल की छोटी से उम्र में बिना किसी के मार्गदर्शन के  त्रिकोणमिती (Trigonometry) में महारत हासिल कार ली थी, साथ ही उन्होने बहुत सारे प्रमेय (Theorems) भी बना लिए थे।

 

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श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का गणित की योगदान

श्रीनिवास का जीवन बहुत साधारण था, वो अपनी जीविका के लिए एक क्लर्क के तौर पर काम करने लगे थे। बहुत ही मामूली सी तंख्वाह पर, उनका सारा समय अपनी नौकरी में ही चला जाता था मगर भी वो काम के बाद अपनी गणित की दुनियाँ में चले जाते थे। सवालों के जवाब ढूंढा करते थे एक सवाल को कोई तरह से हल किया करते। और अपनी Note Book में संभाल के रख लिया करते थे। एक बार की बात है की, अचानक एक अंग्रेज़ अधिकारी की नज़र उनकी Note Book पर पड़ी वो जैसे के बदहवास सा हो गया। उसने उसी समय ये फैसला किया की कैसे भी श्रीनिवास को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय भेजना है, जहां उस समय के महान गणितज्ञ प्रो. हार्डी पढ़ाया करते थे। जैसे- तैसे श्रीनिवास ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय पहुँच गए।

जहां उनकी मुलाक़ात प्रो. हार्डी से हुई, उन्होने श्रीनिवास के अंदर की प्रतिभा को देखा और उसको काफी सराहा जिसके बाद श्रीनिवास को दुनियाँ ने जाना और उनकी प्रतिभा का लोहा उस समय के सभी गणितज्ञों में माना।श्रीनिवास की प्रतिभा का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है की, उन्होने अकेले ही सैकड़ों गणित के परिणाम identities और equations के रूप में हल किए थे। उनमे से कई सारी परिणाम पूरी तरह से नए और अनोखे  थे, जैसे रामानुजन प्राइम, रामानुजन थीटा फ़ंक्शन, विभाजन सूत्र और mock थीटा फ़ंक्शन आदि उनके ये परिणाम आगे चल कर शोध के विषय बने उन्होंने divergent series पर अपने सिद्धांत को बनाया. इसके अलावा, उन्होंने रीमैन श्रृंखला (Riemann series), the elliptic integrals, हाइपरजोमेट्रिक श्रृंखला (hypergeometric series) और जेटा फ़ंक्शन के कार्यात्मक समीकरणों पर काम किया. 1729 नंबर हार्डी-रामानुजन (Hardy-Ramanujan) नंबर के रूप में भी प्रसिद्ध है.

राष्ट्रीय गणित दिवस का इतिहास

22 दिसम्बर 2012 के दिन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी ने अपने चेन्नई के एक कार्यक्रम में श्रीनिवास अयंगर रामानुजन जी के 125 वीं जयंती  पर ये घोषणा की थी। की हर वर्ष 22 दिसम्बर के दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस National Mathematics Day के रूप में मनाया जाएगा। और इस प्रकार उन्होने श्रीनिवास अयंगर रामानुजन जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का निधन

श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का निधन श्रीनिवास ने जैसे अपनी सारी ज़िंदगी गणित के नाम दे दी थी, वो इसमें इतने राम गए थे की, उन्हे जैसे और कोई काम ही नहीं था। और न ही किसी की ज़रूरत अपने इस धून में उन्होने अपना ध्यान नहीं रखा और वो अब बीमार रहने लगे बीमारी ऐसी लगी उन्हे की उनकी ज़िंदगी के साथ ही ख़त्म हुई। सिर्फ 33 साल की छोटी सी उम्र में उन्होने इस दुनियाँ को अलविदा कह दिया। श्रीनिवास अयंगर रामानुजन जी का निधन 26 अप्रैल 1920 को तमिलनाडू के कुंबाकोणम में हुआ था।

 

 

 

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