उत्तर प्रदेश की राजनीती में एक बड़ा नाम है केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Muarya साथ ही वो प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी हैं और उत्तरप्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री पद पर आसीन भी हैं, साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में उन्होंने फूलपुर से चुनाव लड़ा और उनकी जीत हुई। साल 2017 में उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। केशव प्रसाद मौर्या की आयु 52 साल की है केशव
केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य एक नज़र में | |
नाम | केशव प्रसाद मौर्य |
जन्म तिथि | 7 मई 1969 |
जन्म स्थान | कौशाम्बी जिला सिराथू |
पिता का नाम | श्यामलाल मौर्य |
माता का नाम | धनपति मौर्य |
धर्मपत्नी का नाम | राजकुमारी देवी मौर्य |
पुत्र | 2 |
पार्टी का नाम | BJP |
7 मई 1969 के दिन उत्तरप्रदेश के कौशांबी ज़िले में केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Muarya का जन्म हुआ उनके पिता का नाम श्यामलाल मौर्य और माता का नाम धनपति मौर्य था श्यामलाल अपने परिवार के साथ कौशाम्बी के सिराथू गांव में रहते थे और खेती किसानी के काम के साथ मंझनपुर रोड पर एक चाय की छोटी से दूकान चला कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे
केशव प्रसाद मौर्य के दो भाई और तीन बहने भी हैं भाइयों के नाम सुखलाल और राजेंद्र कुमार है और बहने सुनीता देवी आशा देवी और कमलेश कुमारी हैं कौशाम्बी जिला सिराथू
केशव प्रसाद की पढाई लिखाई
सिराथू गांव के प्राथमिक स्कूल से केशव प्रसाद मौर्य Keshav Prasad Muarya की पढाई लिखाई शुरू हुई फिर आगे की पढाई के लिए वो इलाहाबाद चले गए जहाँ इलाहबाद यूनिवर्सिटी से उन्होंने ने हिंदी साहित्य से ग्रेजुएशन तक की पढाई की
केशव प्रसाद के संघर्ष के दिन
मौर्य बचपन बहुत संघर्षों के बीच गुज़ारा परिवार में सदस्यों की संख्या ज़्यादा होने और आमदनी का कोई अच्छा स्रोत नहीं होने की वजह से उनके पिता को खेती किसानी के आलावा चाय की दूकान भी चलानी पड़ती थी केशव स्कूल से जब पढ़कर आते थे तो अपने पिता का हाथ बटाते थे चाय की दूकान में और सुबह स्कूल जाने से पहले न्यूज़ पेपर बेचा करते थे वो न्यूज़ पेपर बेचने के लिए साइकिल से 9 किलोमीटर दूर जाते फिर वहां से वापस आकर स्कूल जाया करते थे
केशव प्रसाद का निजी जीवन
मौर्य की धर्मपत्नी का नाम राजकुमारी देवी मौर्य है इन दोनों की दो पुत्र है इनकी पत्नी श्रीमती राजकुमारी देवी मौर्य का एक व्यवसाय भी है जीवन ज्योति इस में केशव प्रसाद मौर्य निदेशक और साझेदार भी हैं
केशव प्रसाद मौर्य का राजनैतिक सफर
बचपन इनका काफी गरीबी में गुज़रा ये तकलीफ समझने लगे थे निर्धनता की जब ये थोड़े बड़े हुए तो वो आरएसएस से जुड़ गए उनकी छबि हमेशा से एक हिन्दू वादी नेता की रही वो आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दाल में विभिन्न पदों पर रहे 2 बार उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा मगर कामयाबी उनके हाथ नहीं लगी पहली बार साल 2002 में भाजपा के टिकट पर इलाहाबाद से और दूसरी बार साल 2005 में उनकी लगातार हर की वजह बताया गया की उनकी जनता में स्वीकारिता नहीं थी वो की जाना माना चेहरा नहीं थे कभी भी
फिर उन्होंने वो और भाजपा तीसरी बार उनपर दाव लगा रही थी इस बार किस्मत ने उनका साथ दिया और पहली बार केशव प्रसाद मौर्य ने साल 2012 में जित दर्ज की अपने गृह क्षेत्र सिराथू विधानसभा से यही जीत उनके भविष्य के लिए निर्णायक रही
फिर दौर आया साल 2014 का जब देश में लोकसभा चुनाव थे इस बार भाजपा ने मौर्य को फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया हिंदूवादी छबि होने की वजह से सभी हिंदूवादी संगठनों ने उनका भरपूर साथ दिया और उनकी जीत हुई उन्होंने 3 लाख से अधिक मतों से ये जीत हासिल की
मौर्य पिछड़ी जाती से आते हैं उनकी छबि पिछड़े समाज में अबहूत अछ्छी थी जिसका भाजपा ने 2017 के विधानसभा में इस्तेमाल करने का विचार किया और केशव प्रसाद मौर्यजो नई ज़िम्मेदारी के तहत भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया उन्होंने ने विधानसभा चुनावों में बेहतरीन काम किया और भाजपा को जीत हासिल हुई इस जीत के फलस्वरूप केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश का उप मुक्यमंत्री बना दिया गया
ऐसी अन्य रोचक जीवनी पढ़ने के लिए आप यहाँ क्लिक करें
विवाद केशव प्रसाद मौर्य से जुड़े हुए
वैसे तो कोई भी जब सार्वजनिक जीवन में होता है तब उस पर कई किस्म के आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं कई बार ये सही भी होते हैं कई बार इनमें सच्च्चाई नहीं होती वैसे ही कई सारे आरोप लगे केशव प्रसाद मौर्य पर भी इनका आरोपों से पुराना रिश्ता है
- साल 1992 में जब बाबरी मस्जिद को ढाया गया उसमें भी इनका नाम काफी चर्चा में रहा था
- कहा जाता है केशव प्रसाद मौर्य के राजनितिक जीवन में जो सकारात्मक मोड़ आया वो था जब वो इलाहाबाद में ईसाई धर्म प्रचारक पीटर यंग्रीन साल 2013 में आये थे केशव ने उनका खुलकर विरोध किया था बल्कि उनके पीटर के विरोध की कमान ही केशव प्रसद मौर्य ने संभाल ली थी उस वक़्त वो सिराथू से विधायक थे ,विरोध इतना बढ़ा की पुलिस ने केशव को गिरफ्तार कर लिया इस घटना से केशव विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक अशोक सिंघल के करीब आ गए कहा जाता है की अशोक सिंघल की पैरवी पर ही उन्हें साल 2014 के लोकसभा चुनाव की टिकट मिली थी
केशव प्रसाद मौर्य का पता एवं फ़ोन नंबर
- स्थाई पता ग्राम और पोस्ट ऑफिस – कसिया, तहसील- सिराथु, जनपद- कौशाम्बी,10/2 अल्कापुरी कॉलोनी, न्याय मार्ग, अलाहाबाद-211001
- टेलीफोन नंबर – 0532-2421754, 941523508
- ई-मेल kpmauryal@gmail.com
कैसी लगी आपको हमारी ये जानकारी अगर आपके पास हमारे लिए कोई सुझाव है तो हमें ज़रूर कमेंट करके बताएं !
आप अगर लिखना चाहते हैं हमारे ब्लॉग पर तो आपका स्वागत है