Mukhtar Ansari Biography in Hindi – 28 मार्च 2024 की शाम मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक की वजह से उत्तरप्रदेश के बाँदा के मेडिकल कॉलेज में मृत्यु हो गई है. अंसारी उत्तरप्रदेश की मऊ विधानसभा से पांच बार विधायक चुने गये थे, जिसमें दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भी शामिल हैं. इनको उत्तरप्रदेश में बाहुबली नेता के रूप में जाना जाता है, एक समय था जब पूर्वांचल को मुख़्तार अंसारी का गढ़ माना जाता था. यूपी पुलिस के मुताबिक देशभर में मुख्तार अंसारी पर करीब 61 केस दर्ज थे. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कौन थे मुख़्तार अंसारी और Mukhtar Ansari Biography in Hindi आइये शुरू करते हैं.
Mukhtar Ansari Biography in Hindi
नाम | मुख़्तार अंसारी |
जन्म | 30 जून 1963 |
मृत्यु | 28 मार्च 2024 (बांदा उत्तरप्रदेश) |
आयु | 61 साल |
जन्म स्थान | उत्तरप्रदेश के गाज़ीपुर में |
धर्म | इस्लाम |
पिता का नाम | सुभानुल्लाह अंसारी |
माता का नाम | बेग़म राबिया |
दादा का नाम | मुख़्तार अहमद अंसारी |
नाना का नाम | ब्रिगेडियर मुहोम्मद उस्मान |
भाई का नाम | सिबक्तुल्लाह अंसारी और अफज़ल अंसारी |
पत्नी का नाम | अफसा अंसारी |
बेटों का नाम | अब्बास अंसारी और उमर अंसारी |
पढाई | पोस्ट ग्रेजुएशन |
शरीरिक ऊंचाई | 198 सेमी (6 फीट 6 इंच) |
मुख़्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 के दिन उत्तरप्रदेश के गाज़ीपुर में हुआ था, इनके पिता का नाम सुभानुल्लाह अंसारी है माता का नाम बेग़म राबिया है. मुख़्तार अंसारी के दो भाई हैं सिबक्तुल्लाह अंसारी और अफज़ल अंसारी इनके दादा मुख़्तार अहमद अंसारी थे जो की एक स्वतंत्रता सेनानी थे साथ ही भारतीय कांग्रेस के शुरुवाती अध्यक्ष भी रहे थे. इनके नाना का नाम हर एक देश भक्त बड़ी इज्ज़त से लेता है उनका नाम मुहोम्मद उस्मान था जोकि भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में शहादत पाई, उन्हें नौशेरा का शेर भी कहा जाता है. मुख्तार की पत्नी का नाम अफशा अंसारी है इनके दो बेटे है अब्बास अंसारी और उमर अंसारी है. मुख्तार अंसारी ने राजकीय शहर इंटर कॉलेज और पीजी कॉलेज गाजीपुर से पोस्ट ग्रेजुएशन किया था.
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मुख्तार अंसारी का परिवार
देश और उत्तरप्रदेश में जब भी गुनाहों और गुनाहगारों का नाम लिया जायेगा जब तक मुख्तार अंसारी का नाम नहीं लिया जायेगा बात पूरी हो ही नहीं सकेकी. मुख्तार के परिवार का नाम देश भगतों के नाम के साथ बल्कि सबसे पहले नामों में लिया जा सकता है उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी न सिर्फ भारतीय कांग्रेस के शुरुवाती अध्यक्ष थे साथ ही वो जाने माने स्वतंत्रता सेनानी भबी रहे हैं. उनके दादा भारतीय सेना में ब्रिगेडियर के पद पर आसीन रहे, साल 1947 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया था तब उन्होंने अपने प्राणों की चिंता ना करते हुए नौशेरा में अपने देश के लिए जान दे दी और शहीद हुए थे इस युद्ध में उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र दिया गया था.
मुख़्तार अंसारी के बेटे हैं अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी
एक तरफ जहाँ मुख्तार अंसारी का परिवार है जिसपर देश को नाज़ है वही वो खुद अपने परिवार के नाम पर एक धब्बा लगा गए हैं. मुख्तार का एक बेटा अब्बास अंसारी शॉट गन शूटिंग में इंटरनेशनल खिलाडी है दुनिया भर के टॉप शूटरों में अब्बास का नाम शुमार है उसने दुनिया भर में हुए कई मुकाबलों में देश के लिए कई मैडल जीते है, और देश का नाम रौशन किया है.
मुख़्तार अंसारी का विधानसभा तक का सफ़र
बहुत शातिर और चालक व्यक्तित्व के मालिक थे मुख्तार अंसारी वो हवाओं का रूख देखकर राजनैतिक पार्टियां चुना करते थे. जब देखा बहिन जी की बसपा का वज़न ज्यादा है तो वो बसपा में रहे और जब ऐसी स्तिथि बन गयी की, उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना होगा तो उन्होंने बिना किसी पार्टी के चुनाव लड़ा और जीते भी.
मुख़्तार अंसारी का ऐसे तो पुरे उत्तरप्रदेश में दबदबा था, मगर चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने मऊ को चुना आइये उनके राजनैतिक सफ़र को देख लेते हैं.
- मुख्तार अंसारी पहली बार 1996 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े और जीतकर विधासभा पहुंचे.
- साल 2002 में हुए उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्तार ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए.
- साल 2007 में तीसरी बार मुख्तार अंसारी विधायक बने इस बार भी वो निर्दलीय चुनाव लड़े थे.
- मुख्तार अंसारी चौथी बार 2012 में कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की.
- 2017 में उन्होंने एक बार से बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा और चुनाव रण में उतरे और इस बार भी जनता ने उनपर भरोसा जताया और मऊ सीट से विजेता बनाया.
मुख्तार अंसारी ने जब बनना चाहा सांसद
जुर्म की दुनियां में नाम कमाने के बाद जब मुख्तार ने राजनीति में कदम रखा वहां भी वो अपराजित साबित हुए वो लगातार 5 बार मऊ विधायक रहे, पहली बार 1996 में भारतीय बहुजन समाज पार्टी की सीट से और बाकि 3 बार निर्दलीय बार और 1 बार अपनी खुद की बनाई पार्टी कौमी एकता दल से.
साल 2009 मुख्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ने का मन बना लिया, और इस बात का ऐलान भी कर दिया की वो इस लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे बसपा की सीट से और वो चुनाव लड़े भी जिसमें उनकी हार हुई, मुख्तार अंसारी भले ही चुनाव हार गए थे भारतीय जनता पार्टी के मुरली मनोहर जोशी से मगर फिर भी मुख़्तार को यहाँ से 27% वोट मिले थे. मुरल मनोहर जोशी ने मुख़्तार अंसारी को लगभग 17 हज़ार वोटों से हराया था.
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