Sudha Murty : सुधा मूर्ती बनी राज्यसभा सांसद क्या कहा प्रधानमंत्री ने इनके बारे में जानिए !!!

Sudha Murty – राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सुधा मूर्ती का नाम राज्यसभा के लिए नामांकित किया है, जिसकी जानकारी 8 मार्च खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया X (tweeter) के ज़रिये साँझा की है. 8 मार्च के दिन विश्व महिला दिवस मनाया जाता है इसी दिन सुधा मूर्ती का नाम राज्यसभा के लिए नामित किया है. सुधा मूर्ति ना केवल इनफ़ोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन है साथ में वो एक लेखिका और समाजसेवी भी हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा की, “मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति एक शक्तिशाली प्रमाण है हमारी ‘नारी शक्ति’ हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं,”

इस आर्टिकल में हम बात करेंगे Sudha Murty Biography in Hindi, सुधा मूर्ती की जीवनी से संबंधित आइये शुरू करते हैं.

कौन हैं सुधा मूर्ती? Who is Sudha Murty?

नाम सुधा मूर्ती
जन्म तिथि 19 अगस्त 1950
आयु 73 साल (2024 के अनुसार)
जन्म स्थान हावेरी जिले के शिगगांव, कर्णाटक
पिता का नाम आर. एच. कुलकर्णी
माता का नाम विमला कुलकर्णी
पति का नाम एन.आर. नारायण मूर्ति
बेटे का नाम रोहन मूर्ती
बेटी का नाम अक्षता मूर्ति
दमाद तत्कालीन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक
पढाई Indian Institute of Science से कंप्यूटर साइंस में एमईएनजी
राज्यसभा राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नामित
पुरस्कार पद्म श्री (2006), दाना चिंतामणि अतीमब्बे पुरस्कार (2010), पद्म भूषण (2023)
Sudha Murty

अपनी सीधी साधी जीवन शैली के लिए जानी जाती हैं सुधा मूर्ती मगर उनका नाम भारत में उन महिलाओं के लिस्ट में है जिन्होंने अपने काम के सहारे ना समाज को एक नई दिशा और सोच दी है. सुधा एक शिक्षिका, लेखिका, समाजसेवी और भारत की सबसे महत्वपूर्ण टेक कंपनी इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.

सुधा मूर्ती का जन्म 19 अगस्त 1950 के दिन एक कन्नड़ भाषी परिवार में हावेरी जिले के शिगगांव, कर्णाटक में हुआ था. इनके पिता आर. एच. कुलकर्णी एक सर्जन और माता जी विमला कुलकर्णी एक स्कूल में टीचर थीं.

सुधा मूर्ती ने बी.वी.बी. से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीईएनजी पूरी की, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (जिसे अब केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है), और फिर Indian Institute of Science से कंप्यूटर साइंस में एमईएनजी किया.

सुधा की शादी इंफोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति से हुई है. इनकी एक बेटी अक्षता मूर्ति और एक बेटा रोहन मूर्ति हैं. इनकी बेटी की शादी ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से हुई है.

सुधा मूर्ती का करियर

सुधा मूर्ती ने अपने करियर की शुरुवात एक विद्रोह के साथ की थी, उन्होंने Tata के Telco के चेयरमैन को पत्र लिखकर वहां हो रहे लैंगिक भेदभाव की शिकायत की थी जिसके बाद तुरंत उनका इंटरव्यू हुआ जिसमें उन्हें सेलेक्ट किया गया, उसके बाद Sudha Murty भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को) में नियुक्त होने वाली पहली महिला इंजीनियर बनीं. सुधा पुणे में एक डेवलपमेंट इंजीनियर के रूप में कंपनी में शामिल हुईं और फिर मुंबई और जमशेदपुर में भी काम किया.इसके बाद वह पुणे में वालचंद ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज में वरिष्ठ सिस्टम विश्लेषक के रूप में शामिल हुईं.

1996 में, उन्होंने इंफोसिस फाउंडेशन की शुरुआत की और आज तक वह इंफोसिस फाउंडेशन की ट्रस्टी और बैंगलोर यूनिवर्सिटी के पीजी सेंटर में विजिटिंग प्रोफेसर हैं. उन्होंने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया है.

सुधा मूर्ति ने कई किताबें लिखी और प्रकाशित की हैं जिनमें उपन्यास, गैर-काल्पनिक, यात्रा वृतांत, तकनीकी किताबें और संस्मरण शामिल हैं. उनकी पुस्तकों का सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है. वह अंग्रेजी और कन्नड़ समाचार पत्रों के लिए एक स्तंभकार भी हैं.

दोस्तों आज हमने hindeeka में बात की Sudha Murty के बारे में हमें उम्मीद है की, आपको जिस जानकरी की तलाश थी वो हम देने में कामयाब हुए होंगे, अगर कोई कमी होगी तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं.

कैसी लगी आपको हमारी ये जानकारी अगर आपके पास हमारे लिए कोई सुझाव है तो हमें ज़रूर कमेंट करके बताएं !

आप अगर लिखना चाहते हैं हमारे ब्लॉग पर तो आपका स्वागत है

हमसे जुड़े : Facebook | Telegram | Instagram

Leave a Comment