world bicycle day 2022 : kab aur kyon manaya jata hai

हर साल 3 जून के दिन विश्व साइकिल दिवस World Bicycle Day मनाया जाता है, पहला विश्व साइकिल दिवस 3 जून सन 2018 को मनाया गया था इसको मानाने के पहल United Nation ने की  थी उसी दिन से हर साल लगभग सारी दुनियां में विश्व साइकिल दिवस World Biycle Day मनाया जाता है।

कैसे हुई थी शुरुवात विश्व साइकिल दिवस की 

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साइकलों की विशेषता को देखते हुए अमेरिका के मोंटगोमरी कॉलेज के एक प्रोफेसर लेस्जैक सिबलिसकी औरर उनके विद्यार्थियों ने अपने अपने सोसाइल मीडिया प्लेटफार्म पर साइकिल डे का खूब प्रचार प्रसार किया जो देखते देखते सारी दुनिया में फ़ैल गया इसके बाद ये है आम और ख़ास के चर्चा का विषय बन गया और इस प्रचार प्रसार से मान उठने लगी विश्व साइकिल दिवस World Biycle Day मनाने की 

शारीरिक श्रम की कमी और लापरवाह लाइफस्टाइल की वजह से शरीर पर जो असर होते है उससे बचने के लिए साइकिल चलना एक सही उपाय है इस बात पर ज़ोर दिया जाने लगा जिसको देखते हुए यूनाइटेड नेशन ने 3 जून 2018 के दिन से विश्व साइकिल दिवस World Biycle Day मनाने की घोषणा की थी इसके बाद लगभग सारी दुनिया में विश्व साइकिल दिवस World Biycle Day मनाया जाने लगा 

महत्त्व साइकिल चलाने के क्या फायदे हैं

व्यस्त जीवनशैली बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा खाने पीने का ध्यान ना रखना ये सब हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर डालते हैं इस पर हम करते ये हैं की किसी किस्म की  कोई कसरत कोई एक्सरसाइज नहीं करते जिसका असर हमारे शरीर पर पड़ता है और हम कई सारी बिमारियों से घिर जाते हैं इन सब से बचने के लिए हम साइकिल का प्रयोग कर सकते हैं अपने दैनिक दिनचर्या में आइये जान लेते हैं क्या क्या फायदे होते हैं साइकिल चलने के

  • शारीरिक वजन पर नियंत्रण
  • दिल की बीमारी से बचाव
  • शुगर मधुमेह से बचाव
  • माशपेशियों की मज़बूती
  • कैंसर का जोखिम कम
  • तनाव में कमी
  • जोड़ो के दर्द से आराम

अब आइये इन सब बिंदुओं को विस्तार से समझ लेते हैं 

शारीरिक वजन पर नियंत्रण – आजकल के दौर में जो सबसे आम शारीरिक समस्या है वो है मोटापा लगभग हर कोई मोटापे से परेशान है सबसे बड़ी चिंता की बात है की अब इस से बच्चे भी अछूते नहीं रह गए हैं इस मोटापे से बचने के लिए तरह तरह की योजनाएं बनाते हैं कुछ उन पर अमल करते हैं कुछ ऐसे भी होते हैं जो ख़ाली योजनाएं ही बनाते रह जाते हैं

मोटापे को कम करने का सबसे आसान रोचक और सस्ता तरीका हिअ साइकलिंग करना ऐसे बहुत सरे रिसर्च हुए जिमे बताया गया की कैलोरी बर्न करने के लिए साइकिल बहुत मददगार साबित होती है विशषज्ञ ये कहते हैं की अगर किसी मोटे इंसान ने लगातार 6 महीने तक साइकिलिंग की तो उसका वज़न 12 % तक कम हो सकता है बस इसका विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए की आप साइकिलिंग तो करें साथ में आप अपने खाने में संतुलित आहार लें

दिल की बीमारी से बचाव – अगर आपने साइकिल चलाई है तो आपने ये ज़रूर महसूस किया होगा की साइकिलिंग के बाद हमारे दिल की धड़कने तेज़ हो जाती हैं जिससे हमारे दिल तक खून पहुँचाने वाली धमनियों में खून का प्रवाह सही तरीके से होता है कुछ अवरोध नहीं रह पता इन धमनियों में जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है और हमारा दिल भी मज़बूत और स्वस्थ होता है

शुगर मधुमेह से बचाव – आये दिन ऐसे शोध किये जाते हैं जिससे पता चलता है की साइकिलिंग के कितने फायदे हैं इसी तरह की एक शोध प्रकाशित हुई थी जिसमें बताया गया था की अगर कोई साइकिलिंग करता है अन्य लोगों की तुलना में उसको मधुमेह या शुगर की मात्रा संतुलित होती है मोटापे की वजह से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है अगर लगातार 45 दिन तक रोज़ 30 मिनट साइकिलिंग की जाये तो इन्सुलिन के स्तर में कमी आती है    

कैंसर का जोखिम कम – ऐसा कुछ विशेषज्ञ और शोधकर्ता मानते हैं की आम तौर पर जो लोग साइकिलिंग करते हैं उनमें पेट के कैंसर का खतरा कम हो जाता है और जो महिलाएं साइकिलिंग करती हैं उनमें स्तन कैंसर का खतरा और महिलाओं से 10 % तक कम हो जाता है

तनाव में कमी – किसी किस्म का भी व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है खासकर अगर आप एरोबिक्स करते हैं तो ये और लाभकारी साबित हो सकता है मानसिक स्वास्थ्य के लिए इसमें खून का प्रवाह सारे शरीर में संतुलित तरीके से होता है जोकि हमारे दिमाग तक खून का प्रवाह सही तरीके से करता है जिससे हमारे शरीर की केंद्रीय तनाव प्रणाली पर दबाव कम पड़ता है इसका लाभ ये होता है की तनाव अनिद्रा चिंता आदि समस्याओं से मुक्ति मिलती  है 

जोड़ो के दर्द से आराम – साइकिलिंग के बहुत सारे फायदे हैं उनमे से एक ये भी है की अगर आप साइकिलिंग करते हैं तो आपको जोड़ो के दर्द से आराम मिल सकता है होता ये है की साइकिलिंग से माशपेशियों पर दबाव पड़ता है और वो जिससे उनमे पड़ी हुई गांठे खुलने लगती हैं और खून का प्रवाह सुचारु रूप से होने लगता है जिससे आपकी जोड़ो के दर्द से रहत महसूस होने लगती है जैसा की हम जानते हैं की साइकिलिंग एक तरह का एरोबिक्स है जो की इस तरह शरीर पर काम करता है की सभी मांसपेशियों पर इसका असर पड़ता है और खून का प्रवाह सही हो जाता है

अभी तक हमने देख की साइकिलिंग करने से कैसे हमारे शरीर को क्या क्या फायदे होते हैं अब हम देखेंगे की साइकिलिंग करने से अन्य और क्या फायदे होते हैं 

सस्ता और सुगम यातायात  

अगर आपको रोज़ के काम के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाएं होता है तो आप साइकिल का उपयोग कर सकते हैं इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है की ये आपको बहुत सस्ते दाम पर मिल जाती है कई जगह तो आप साइकिल को किराये पर भी ले सकते हैं और अपना काम निपटा सकता है इससे आपका काम भी हो जायगा और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा

पर्यावरण के लिए वरदान

हर दिन आप मौसम के तापमान को बढ़ता देख सकते हैं ये हो रहा है वातावरण में प्रदुषण के बढ़ने से अब वातावरण में प्रदुषण के बहुत सारी वजहें हैं उनमे से एक है हमारी सड़कों पर दौड़ती गाड़ियां इनसे निकला धुंआ जो हमारे वातावरण को हर एक गुज़रते सेकंड के साथ ज़हरीला बनता चला जा रहा है इसका रास्ता है की गाड़ियां सड़को पर कम से कम चलें 

इसके  लिए ज़रूरी है की कोई विकल्प ढूंढा जाये और सबसे सुलभ और सही विकल्प है इसका साइकल्स अगर हम अपनी निजी ज़रूरतों के लिए साइकिल का प्रयोग करने लगे तो हम गाड़ियों के धुएं से बच सकते हैं साथ ही हम पर्यावरण और अपने स्वास्थ्य की भी देखभाल कर सकते हैं कई देशों में साइकल्स का बहुत अच्छा प्रयोग किया जा रहा है ऐसा हमको हमारे देश में भी करना चाहिए 

पार्किंग की समस्या का हल

आपने देखा होगा सड़कों किनारे हमारे शहरों में पार्किंग की समस्या कितनी बढ़ती जा रही है एक अकेला इंसान भी अगर अगर से कहीं निकलता है छोटे से छोटे काम के लिए तो वो कार से जाता है जिससे पार्किंग की समस्या उत्पन्न हो जाती है इसका सबसे अच्छा विकल्प है साइकिल इसको चलना भी आसान है और काईन पार्क करना भी आसान है

साइकिल का आविष्कार किसने किया था

कहते हैं की, आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है, पहले लोगों को एक जगह से दूसरे जगह जाने की ज़्यादा ज़रूरत नहीं पड़ती थी। सब ज़रूरत की चीज़ें उन्हे आसपास ही मिल जाया करतीं थीं। मगर सभ्यता का विकास हुआ उसके बाद लोगों ने पहले जानवरों का इस्तेमाल किया अपनी यात्राओं के लिए फिर जब उन्हे पैदल जाना होता थोड़ी दूर के लिए तो वो थक जाया करते थे, ऐसे में जरूरत थी, किसी ऐसी चीज़ की जो कम मेहनत में अच्छी दूरी तय कर सके। इसी ख्याल से सन 1817 में कार्ल ड्रेस Karl Von Drais ने Bicycle का आविष्कार किया। कार्ल ड्रेस ने दो पहियों को एक लोहे से जोड़कर एक ढांचा तैयार किया जिसको किसी की मदद से धकेला जाता था, इसको ढांचे को कार्ल ड्रेस ने नाम दिया था Dandy Horse.

            Dandy Horse वैसे तो ज़रूरत को पूरा करने में लगभग खरी उतर गई थी, मगर फिर भी इसकी सवारी करने के लिए एक आदमी की जरूरत हुआ करती थी, जो की हमेशा उपलब्ध नहीं हुआ करता था। फिर इस ढांचे मे सन 1866 में एक स्कोटिशमैन किर्कपत्रिक मैमिल्लन ने सोचा, क्यों न इसमें एक Paddle लगा दी जाए, जिससे होगा ये की इंसान खुद ही Paddle करते हुए एक जगह से दूसरी जगह जा सकता है, वो भी किसी की मदद के बिना. मगर किर्कपत्रिक मैमिल्लन के पास Dandy Horse में कुछ बदलाव करने का अधिकार नहीं था, जिसके लिए उन्हे जुर्माना भी भुगतना पड़ा था। मगर उसके बाद Dandy Horse में Paddle लगने शुरू हो गए. मगर फिर भी Bicycle चलाना आसान काम नहीं था, उस वक़्त Bicycle के अगले पहिये 5 फीट की हुआ करते थे। और चलाने वाला उसमें बैठ भी नहीं पाता था एक बार Bicycle चला भी ली जाती थी, तो उसको रोकने में बहुत परेशानी होती थी क्योंकि उसमें Break का इंतेजाम नहीं था. इस वजह से लोगों को कई बार गंभीर चोटें भी आयीं थी.

             सन 1895 में John Camp Starley ने Bicycle के मूल ढांचे में उसकी ज़रूरत के हिसाब से बदलाव किए, जिससे Bicycle का रूप बिलकुल बदल गया, लोग नई Bicycle को देखकर हैरान हो गए क्योंकि उन्होने ऐसी Bicycle पहले कभी नहीं देखी थी.

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