white fungus kya hai | kitna khatarnak hai white fungus

[faqs order=”ASC” orderby=”title”]जैसा की सबको पता है की साल 2020 से दुनिया में Covid-19 का कहर बरपा है कई लोगों ने कई देशों में अपनी जाने गवाँ दी हैं हालंकि अब इसके लिए वैक्सीन आ गई है मगर ये हमसे दो क़दम आगे चल रहा है इसके कई सारे रूप Strain सामने आये

अभी कुछ दिनों से Black Fungus (Mucormycosis) का खतरा मंडरा रहा है अभी उसको पूरी तरह से समझा नहीं गया की अब White Fungus (Candidiasis) का काला साया नज़र आने लगा है आइये जान लेते हैं की कितना खतरनाक है ये White Fungus और आखिर ये White Fungus है क्या

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White Fungus क्या है

ये एक किस्म का फंगस है जो की बहुत खतरनाक है इसको मेडिकल की भाषा में कैंडिडिआसिस  कहा जाता है इसका कोरोना से कोई संबंध नहीं है ये एक अलग किस्म की बीमारी है

White Fungus यानी कैंडिडिआसिस मुख्य रूप से हमारे फेफड़ों के अलावा नाख़ून अमाशय हमारी आतों हमारे गुप्तांग दिमाग के हिस्से मुँह के अंदरूनी भाग और किडनी को संक्रमित करती है

क्यों होता है वाइट फंगस

आजकल आपके आसपास हो सकता है आपके घर पर या पड़ोस में कहीं न कहीं आपको Covid-19 के मरीज़ मिल जायेंगे हर दिन नए नए आंकड़े सामने आ रहे हैं कोरोना के मरीज़ों के उनके ठीक होने के और सबसे दुखद के उन मरीज़ों में से कई लोग बचाये नहीं जा पा रहे हैं

हालाँकि केंद्र और राज्य सरकारें पूरी कोशिश कर रही है मगर इस संक्रमण के आगे सब बेकार साबित हो रही हैं कहीं हॉस्पिटल नहीं कहीं ऑक्सीज़न नहीं कहीं कुछ नहीं ऐसी खबरें हर दिन दिल दहला रहीं हैं

कोरोना से संक्रमित व्यक्ति का शरीर आतंरिक रूप से इतना कमज़ोर हो जाता है की उसमें तरह तरह की बीमारियां घर कर लेती है क्यों की इस बीमारी से हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काम हो जाती है हमारा शरीर किसी भी बीमारी की गिरफ्त में तुरंत आए जाता है जिसके कारण ब्लैक फंगस और ये नया वाइट फंगस भी हमारे कमज़ोर शरीर पर हावी हो जाता है 

ये उन लोगों पर ज़्यादा तेज़ी से असर करता है जो की पहले से डायबटीज़ ब्लड प्रेशर शुगर के मरीज़ हों या फिर वो लम्बे समय से एंटीबॉयटिक या स्टेरॉयड का सेवन कर रहे हों ऐसे मरीज़ जो की कैंसर का इलाज करवा रहे हों और उसकी दवा लेते हों वो भी वाइट फंगस की ज़द में जल्दी आ जाते हैं

छोटे बच्चे भी इसके शिकार होते है

जैसा की आप सब जानते हैं की बीमारी किसी में भेद भाव नहीं करती न उम्र का लिहाज करती है वैसे ही ये वाइट फंगस भी किसी भी बात का लिहाज नहीं करती ये नवजात बच्चों को भी अपनी जकड में आसानी से ले लेती है छोटे बच्चे जो जिन्होंने अभी जन्म लिया है उन में ये डाइपर कैंडिडिआसिस के रूप में पाया जाता है 

महिलाओं में वाइट फंगस का संक्रमण

महिलाओं का शरीर पुरुषों के मुक़ाबले ज़्यादा संवेदनशील होता है इसलिए उनमें किसी संक्रमण का खतरा ज़्यादा बढ़ जाता है वाइट फंगस का संक्रंमण महिलाओं में ज़्यादातर ल्यूकोरिया के रूप में देखा जा रहा है ल्यूकोरिया में महिलाओं के जननांगों सफ़ेद पानी निकलने लगता है

कैसे होती है वाइट फंगस की पुष्टि

जैसा आम तौर पर कोरोना के लक्षण होते हैं वैसा ही इस फंगस के भिलक्षण है मगर जब मरीज़ इसकी जांच करवाने जाता है तो RTPCR की रिपोर्ट Negative आती है और मरीज़ को रहत नहीं मिलती तब मरीज़ को HRCT करवाना पड़ता है इस जी जब रिपोर्ट आती है तो उसमें मरीज़ के फेफड़ों में गोले के आकर का कुछ नज़र आता है जोकि कोरोना के लक्षणों से बिलकुल अलग होता है मरीज़ के बलगम की जांचके बाद इस वाइट फंगस की पुष्टि हो जाती है 

क्या है लक्षण वाइट फंगस के

ये फंगस हमारे खून के ज़रिये हमारे शरीर के हर अंग तक जाता है ये संक्रमण फेफड़ों के अलावा नाख़ून अमाशय हमारी आतों हमारे गुप्तांग दिमाग के हिस्से मुँह के अंदरूनी भाग और किडनी को संक्रमित करता है इसके अलावा इससे जोड़ों का दर्द भी होता है दिमाग पर असर होने की वाह से मरीज़ भूलने की शिकायत करता है कभी कभी उसको बात करने में परेशानी होती है सर में तेज़ दर्द के साथ उल्टियां भी हो सकती है 

ये खून के ज़रिये हमारे शरीर में फैलता है जिसकी वजह से हमारी त्वचा के ऊपर फोड़े नज़र आने लगते हैं ये सब शुरुवाती लक्षणों में से एक हैं इस वाइट फंगस के

कैसे होता ही वाइट फंगस का इलाज

वैसे तो इसक कोई ख़ास इलाज नहीं है सामान्यतः इसमें मरीज़ को एंटी फंगल दवाएं दी जाती है मगर ये दवाएं भी तब ही असर करती है जब बीमारी अपने शुरुवाती चरण में हो मगर समस्या ये है की इस बीमारी का पता लगते लगते बहुत देर हो चुकी होती है और इसका संक्रमण तेज़ी से फैलता है

कोरोना जैसे लक्षण दिखने की वजह सके मरीज़ अपना इलाज घर पर ही करने लगते हैं और इसका संक्रमण शरीर पर फैलता रहता है और धीर धीरे मरीज़ की हालत ख़राब होने लगती है इसका संकरण बहुत सारे अंगों पर होता है जिससे वो धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है और मरीज़ की मृत्यु तक हो जाती है

 

 

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क्या है वाइट फंगस से बचने का उपाय 

कुछ ऐसी सावधानियाँ है जिनको बरत कर हम इस वाइट फंगस से बचाव कर सकते हैं जैसा की हमको पता है की कोरोना से ग्रसित इंसान का शरीर आंतरिक रूप से बहुत कमज़ोर हो जाता है जिसके इलाज के लिए कई बार हमको हॉस्पिटल जाना पड़ जाता है जहाँ हमारा इलाज किया जाता है जिमें कई तरह के मेडिकल उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है 

इस स्तिथि में ये ध्यान रखना चाहिए की ऑक्सीज़न या वेंटिलेटर के ट्यूब जो मरीज़ को लगे होते हैं वो पूरी तरह से साफ़ और कीटाणुमुक्त हों अकसर लापरवाही की वजह से किसी मरीज़ को ऑक्सीज़न लगाया जाता है मगर उसके उपकरण मेंमजो पानी होता है उस ऑक्सीजन सिलेंडर ह्यूमिडिफायर में स्ट्रेलाइज का उपयोग नहीं होता जिससे मरीज़ के फेफड़ों में आसानी से फंगस चला जाता है

मरीजों का रैपिड एंटीजन और RT-PCR टेस्ट निगेटिव हो और जिनके HRCT में कोरोना जैसे लक्षण हों। उनका रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट कराना चाहिए। साथ ही बलगम के फंगस कल्चर की जांच भी कराना चाहिए। ताकि इस वाइट फंगस से बचा जा सके

 

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