Rani Kamlapati Railway Station | Habibganj Railway Station

मध्यप्रदेश के भोपाल का हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति के नाम से जाना जायेगा मध्यप्रदेश की सर्कार ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की और केंद्र सरकार को भेजा था जिसको केंद्र की सहमति मिल गई है राज्य सरकार ने जो पत्र केंद्र को लिखा था उसमे लिखा गया था की अभी जिस स्टेशन को हबीबगंज के नाम से जाना जाता है उसका नाम बदल कर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया जाए जिस पर केंद्र ने अपनी सहमति दे दी है अब सवाल ये उठता है की कौन है रानी कमलापति और कैसे नाम पड़ा था इस रेलवे स्टेशन का हबीबगंज आइये जानते हैं

हबीबगंज कैसे पड़ा था नाम रेलवे स्टेशन का

पहले इस जगह का नाम शाहपुर हुआ करता था मगर ज़रूरत के अनुसार स्टेशन के विस्तार की योजना बनाई गई जिसके लिए ज़मीन की ज़रूरत थी और जो ज़मीन चाहिए थी वो थी हबीब मियाँ की साल 1979 में हबीब मियाँ ने अपनी ये ज़मीन रेलवे को दान करदी जिसके बाद उनके नाम से इस स्टेशन को जाना जाने लगा

कौन थी रानी कमलापति

Rani Kamlapati Habibhganj Railway Station

 

मध्यप्रदेश के स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से केंद्रीय सचिव को एक पत्र लिखा गया है जिसमें ये लिखा गया है की 16 वीं शताब्दी में भोपाल पर गोंड शासकों का शासन था इसलिए इस गोंड रानी की याद में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति Rani Kamlapati रखा जाये

ऐसा कहा जाता है की गोंड राजा सूरज सिंह शाह के पुत्र निजाम शाह की 7 पत्नियों में से एक थी वो निजाम शाह की सबसे प्रिय पत्नी थी वजह ये थी की वो बहुत समझदार और साथ ही बहुत ही खूबसूरत थी निजाम शाह का एक भतीजा था जो की अपने चाचा से बहुत नफ़रत करता था उसका नाम चैन शाह नफ़रत इस क़दर थी उसकी की वो कई बार अपने चाचा के हत्या का प्रयास कर चूका था मगर वो किसी न किसी कारण से असफल होता रहा आखिरकार उसे एक मौका मिला और उसने धोखे से अपन चाहा को ज़हर देकर मार दिया

अब चैनशाह आपने चचेरे भाई नवलशाह और चाची कमलापति की जान का दुश्मन बन गया उसके षड्यंत्र से बचने के लिया रानी कमलापति Rani Kamlapati अपने बेटे नवलशाह के साथ गिन्नौरगढ़ के क़िले में छुप गई और किसी तरह अपनी जान बचाने में वो सफल हुई

दोस्त मोहम्मद खान और रानी कमलापति 

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को बसाने वाले का नाम दोस्त मोहम्मद खान था इन्होने ही भोपाल शहर को बसाया था इनके साथ रानी कमलापति Rani Kamlawati का गहरा रिश्ता था बात दरअसल ये है की जब चैनशाह ने राजा निजाम शाह की हत्या कर दी तब वो अपनी और अपने बच्चे की जान बचाने के लिए दोस्त मोहम्मद खान के पास गई और रानी ने खान को अपना भाई कहा जिसके बाद एक भाई का फ़र्ज़ निभाया था दोस्त मुहम्मद खान ने

दोसम मोहम्मद खान ने कोलांस नदी के किनारे एक महल बनाकर रानी को दिया ये महल छोटे तालाब और बड़े तालाब के बीच आज भी देखा जा सकता है जब तब रानी कमलापति Rani Kamlapati ज़िंदा रहीं तब तक उन्होंने भाई बहन का रिश्ता निभ्या और राखी के त्यौहार पर हर बार  दोस्त मोहम्मद खान के लिए राखी भेजा करती थीं ऐसा मन जाता है की किसी हिन्दू रानी से राखी बंधवाने वाले वो पहले मुस्लिम शासक थे

देश का पहला स्टेशन हबीबगंज जिसे मिला ISO-9001 सर्टिफिकेट

हबीबगंज देश में पहला ISO-9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन भारत की पहली सर्टिफाइड ट्रेन शान-ए- भोपाल एक्सप्रेस का हेडक्वार्टर भी है। यहां कई बड़ी ट्रेनों का स्टॉपेज है

भारत के पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन

हबीबगंज रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए 14 जुलाई 2016 को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चुना गया था यहाँ 5 सालों तक स्टेशन को मोर्डेनिज़शन का काम चला जुलाई 2021 में नया हबीबगंज रेलवे स्टेशन बन कर तैयार हुआ जिमें लगभग 100 करोड़ रुपया खर्च किये गए थे

 

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