दोस्तों हमारा देश दुनियाँ में सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है और इस लोकतंत्र का मुखिया होता है राष्ट्रपति अब सवाल ये है की कैसे होता है Rashtrapati ka Chunav भारत में ? जिस तरह से विधायकों और सांसदों का चुनाव भारत में चुनाव आयोग करवाता है ठीक उसी तरह राष्ट्रपति का भी चुनाव चुनाव आयोग के जिम्मे ही होता है मगर आपको जानकर हैरानी होगी की देश के राष्ट्रपति के चुनाव Presidential Election में देश का आम नागरिक भाग नहीं ले सकता बस यहीं पर प्रक्रिया में बदलाव किया गया है हमारे संविधान में आइये इस आर्टिकल के माध्यम से हम जान लेते हैं की कैसे होता है Rashtrapati ka Chunav क्या है प्रक्रिया कौन हिस्सा ले सकता है इस चुनाव में ?
कौन करता है राष्ट्रपति का चुनाव ?
हमारे संविधान निर्माताओं ने Rashtrapati ka Chunav की एक अलग प्रक्रिया बनाई है जिसमें देश का आम नागरिक सीधे तौर पर अपने राष्ट्रपति का चुनाव नहीं कर सकता उसके बदले में उसके द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि विधायक, सांसद देश के राष्ट्रपति का चनाव करते हैं
क्या है प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव की ?
इस राष्ट्रपति के चुनाव की देखरेख पूरी तरह से चुनाव आयोग के हाथ में होती है और वही उसके लिए ज़िम्मेदार भी होता है इस चुनाव में विधायक और सांसद अपना वोट डालते है चुनाव के लिए जो की इलेक्टोरल कॉलेज सिस्टम के द्वारा किया जाता है इसके तहत संसद के दोनों सदनों के सदस्य हिस्सा लेते हैं और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के चुने हए विधायक भी इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं
कितने मतदाता हैं राष्ट्रपति चुनाव के ?
देश के इस अहम चुनाव में अगर बात करें मतदाताओं की संख्या की तो President Election 2022 में कुल 4 हज़ार 896 मतदाता आपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे
इसमें से 543 लोकसभा के संसद होंगे और 233 राज्यसभा के संसद होंगे साथ ही देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के कुल 4 हज़ार 120 विधायक स्शामिल होंगे
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राष्ट्रपति का चुनाव कौन लड़ सकता हैं ?
देश का कोई भी ऐसा नागरिक Rashtrapati ka Chunav लड़ सकता है जिसके पास निम्न योग्यताएं हों
- राष्ट्रपति का चुनाव वो लड़ सकता है जिसके पास लोकसभा सदस्य होने की पात्रता और किसी भी लाभ के पद पर न होने के साथ-साथ उम्मीदवार के पास कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक विधायक होने चाहिए
- राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति की उम्र कम से कम 35 साल की होनी चाहिए
कब होगा राष्ट्रपति का चुनाव 2022 ?
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को खत्म होने वाला है जिसके पहले चुनाव करवाना और नए राष्ट्रपति को चुनना ज़रूरी है इसलिए इस साल 18 जुलाई 2022 को Rashtrapati ka Chunav Presidential Election किया जायेगा और देश को अगला राष्ट्रपति 21 जुलाई के दिन मिल जायेगा
1,2,3 लिखकर होगा राष्ट्रपति चुनाव
भारतीय चुनाव आयोग इस बार Rashtrapati ka Chunav के लिए खास किस्म की पेन उपलब्ध करवाने जा रहा है मद्तादाओं को पानी पसंद 1,2 या 3 लिखकर बतानी होगी यानी जो पसंद है उसके नाम के आगे 1 लिखना होगा जो उसके बाद पसंद है उसके नाम के आगे 2 और जो कम पसंद है उसके नाम के आगे 3 लिखकर बताना होगा ऐसा ना करने पर उस मतदाता की का मत रद्द कर दिया जायेगा
Presidential Election में एक वोट एक नही माना जाता
ये बहुत दिलचस्प बात है की Rashtrapati ka Chunav में एक मतदाता के वोट की संख्या इक नहीं मानी जाती है उसका अलग हिसाब है विधायकों की वोट की संख्या उस राज्य की जनसँख्या पर निर्भर कारती होई जहाँ से वो विधायक चुने गए हैं वहीँ लोकसभा और राज्यसभा के कुल सांसदों की संख्या 708 होती हैं
विधायक के वोट की सही संख्या जानने के लिए उस राज्य की जनसँख्या से विधानसभा में विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है फिर 1000 से भाग दिया जाता है जो संख्या फिर आती है वो उस विधायक के वोट की संख्या होती है इस तरह राज्यसभा और लोकसभा सांसदों को मतों की कीमत 5 लाख 59 हजार 408 है जबकि, विधायकों के मामले में यह संख्या 5 लाख 49 हजार 495 पर है ऐसे में इलेक्टोरल कॉलेज का आंकड़ा 10 लाख 98 हजार 903 पर पहुंच जाता है
राष्ट्रपति की शक्तियां क्या होती हैं ?
दोस्तों हमारे देश में आपने देखा होगा की हर जगह हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री की बात होती है और वो ही अकसर नज़र आते हैं मगर जो देश का सर्वोच्च नागरिक है राष्ट्रपति वो बहुत कम मौकों पर ही नज़र आते हैं ऐसा इस लिए है की हमारे संविधान में राष्ट्रपति को बहुत सम्मान का पद दिया हुआ है जिसकी गरिमा बनाये रखने के लिए वो सार्वजनिक जीवन से अलग होते हैं
मगर इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है की संविधान ने राष्ट्रपति को कोई अधिकार या शक्तियां नहीं दी हैं देश में आपातकाल की घोषणा केवल राष्ट्रपति ही कर सकते हैं इतन ही नहीं वो देश की तीनों सेनाओं जल थल और वायु सेना के प्रमुख भी होते हैं आइये देख लेते हैं राष्ट्रपति की शक्तियां क्या क्या हैं
नियुक्ति का अधिकार – भारत के राष्ट्रपति के पास सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, सभी राज्यों के राज्यपालों, सभी चुनाव आयुक्तों,भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक, विदेशों में भारतीय राजदूतों की नियुक्ति का अधिकार होता है
आइये देख लेते हैं राष्ट्रपति की शक्तियां क्या क्या हैं
जीवन दान देने की शक्ति – भारतीय संविधान के अनुछेद 72 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति किसी की सज़ा कम या माफ़ कर सकते हैं फांसी की सज़ा जिस दोषी को मिल जाती है वो भी जीवन दान के लिए राष्ट्रपति के पास याचिका भेज सकते हैं हालांकि इसपर वो कोई भी फैसला ले सकते हैं याद रखने वाली बात ये है की अगर राष्ट्रपति ने याचिका ठुकरा दी तो फिर दुबारा याचिका नहीं भेजी जा सकती
कानून बनाने की शक्ति – कोई भी क़ानून बनाने से पहले संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विधेयक पास करके राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है जब तक राष्ट्रपति उसे स्वीकृत नहीं करते तब तक कानून नहीं बनाया जा सकता हैं
आपातकाल लगाने के शक्ति – भारत में अगर आपातकाल घोषित करना है तो उसका सिर्फ और सिर्फ अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है ये तीन तरह के आपातकाल हो सकते हैं युध के दौरान राज्यों में संवैधानिक तंत्र के ध्वस्त होने की दशामें और वित्तीय आपातकाल
अध्यादेश का अधिकार – ऐसी कोई स्तिथि हो की जब संसद के सदनों में सत्र नहीं चल रहा हो उस स्तिथि में संविधान के अनुछेद 123 के अनुसार नया अध्यादेश जारी कर सकते हैं
सांसदों को मनोनीत करने की शक्ति – देश के राष्ट्रपति लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के दो सदस्यों एवं राज्यसभा में 12 अन्य सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं जोकि कला, पत्रकारिता, साहित्य, विज्ञान आदि के क्षेत्र में कार्यरत हों
भारत के राष्ट्रपति और उनका कार्यकाल
भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 सालों का होता है पदस्त राष्ट्रपति के कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही नए Rashtrapati ka Chunav कर लिया जाता है आइये देख लेते हैं देश के आज़ादी के बाद कौन कौन कब और कब तक रहे हैं भारत के राष्ट्रपति
क्रमांक | नाम | पदग्रहण | पदमुक्त |
1 | डॉ. राजेंद्र प्रसाद | 26 जनवरी 1950 | 13 मई 1962 |
2 | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन | 13 मई 1962 | 13 मई 1967 |
3 | ज़ाकिर हुसैन | 13 मई 1967 | 03 मई 1969 |
4 | वराहगिरी वेंकट गिरी | 03 मई 1969 | 20 जुलाई 1969 |
5 | मुहम्मद हिदायतुल्लाह | 20 जुलाई 1969 | 24 अगस्त 1969 |
6 | वराहगिरी वेंकट गिरी | 24 अगस्त 1969 | 24 अगस्त 1974 |
7 | फ़ख़रुद्दीन अली अहमद | 24 अगस्त 1974 | 11 फरवरी 1977 |
8 | बासप्पा दनाप्पा जत्ती | 11 फरवरी 1977 | 24 जुलाई 1977 |
9 | नीलम संजीव रेड्डी | 24 जुलाई 1977 | 25 जुलाई 1982 |
10 | ज्ञानी जैल सिंह | 25 जुलाई 1982 | 25 जुलाई 1987 |
11 | राधास्वामी वेंकटरमण | 25 जुलाई 1987 | 25 जुलाई 1992 |
12 | शंकरदयाल शर्मा | 25 जुलाई 1992 | 25 जुलाई 1997 |
13 | के. आर. नारायणन | 25 जुलाई 1997 | 25 जुलाई 2002 |
14 | ए. पी. जे अब्दुल कलाम | 25 जुलाई 2002 | 25 जुलाई 2007 |
15 | प्रतिभा पाटिल | 25 जुलाई 2007 | 25 जुलाई 2012 |
16 | प्रणब मुखर्जी | 25 जुलाई 2012 | 24 जुलाई 2012 |
17 | राम नाथ कोविंद | 24 जुलाई 2012 | पदस्त |
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